![]() |
| goinhindi.com |
12 rules for life summary in hindi , 12 rules for life summary pdf in hindi, 12 rules for life book summary pdf in hindi
12 rules of life by Jordan Peterson book summary in Hindi
हेलो दोस्तों आज हम जॉर्डन पीटरसन कि एक बेस्ट इंटरनेशनल सेलिंग बुक के बारे में बात करेंगे जिसका नाम है 12 रूल फॉर लाइफ। इसके पहले ऑथर के बारे में थोड़ा बात कर लेते है। जॉर्डन पीटरसन एक क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट है, वे टोरंटो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं और डॉ पीटरसन अपने ब्लॉग, पॉडकास्ट और ऑनलाइन कोर्स के जरिए लोगों को अपनी लाइफ ऑर्गेनाइज बनाने में मदद करते है।
यह बुक किसे पढ़नी चाहिए
वह लोग जो प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं, जो लोग हर जगह कमियां ढूंढते हैं जिन्हें नहीं पता है कैसे क्या करना चाहिए, कैसे खुश रहना चाहिए? यह सब आप इस किताब से सिख सकते है। अगर आप इस बुक में बताए बातों को अपने लाइफ में अप्लाई करते हैं आप अपनी लाइफ को बेहतर बना सकते हैं आपको अंधेरे में भी उम्मीद की किरण नजर आने लगी।
इंट्रोडक्शन
क्या आप हर रोज डिसऑर्डर,कन्फ्यूजन और कभी न खत्म होने वाले प्रॉब्लम जैसे प्रॉब्लमस में खुद को फंसा महसूस करते हैं? आपको लगता है कि आप के रिश्ते खराब हो रहे हैं? और आपको भी लगता है कि जो भी आपके आसपास हो रहा है वह गलत हो रहा है तो यह बुक आपके लिए है। एक बेहतर ज़िन्दगी जीने के लिए डॉ पीटरसन ने12 रूल्स बताएं है। आपको यह बुक उन सभी तरीकों के बारे में सिखाएगी जिनसे आप अपनी लाइफ को बेहतर बना पाएंगे चलिए शुरू करते हैं
12 rules for life summary in hindi , 12 rules for life summary pdf in hindi, 12 rules for life book summary pdf in hindi
Rule 1. स्टैंड अप स्ट्रैट विथ योर शोल्डर्स बैक Stand Up straight with Your shoulder Back (FIX YOUR POSTURE)
मनुष्यों सहित सभी जानवर एक दूसरे पर अपना अपना डोमिनेंस (दबदबा) बनाए रखना चाहते हैं। चलिए इसे एक लॉबस्टर यानि केकड़े के एग्जांपल से समझते हैं। डोमिनेंस के लिए लड़ाई में दोनों केकड़े अपने शरीर/पंजे के आकार और हार्मोन्स (जो उनके स्वास्थ्य, शक्ति और मनोदशा का संकेत देते हैं) का उपयोग करके एक दूसरे को बहुत बड़ा दिखाते हैं। केकड़े में सेरोटोनिन का स्तर अधिक होता है।
सेरोटोनिन एक हैप्पी हार्मोन है। यह आपकी नसों को आराम देता है, उन्हें रिलैक्स करने में मदद करता है। इस हार्मोन की वजह से आपको अच्छे थॉट्स आते है
डोमिनेंट लॉबस्टर्स में सेरोटोनिन का स्तर अधिक होता है, अधिक आत्मविश्वास, बेहतर पोस्चर, और लंबे समय तक लड़ सकते हैं। एक अल्फा लॉबस्टर आमतौर पर शारीरिक रूप से लड़ने के बिना भी "जीतता है"।
प्रत्येक लड़ाई के बाद, एक केकड़ा मस्तिष्क बदल जाता है - हारने वाला आगे के लड़ाई से बचता है, जबकि विजेता को और भी अधिक आत्मविश्वास और सेरोटोनिन का स्तर प्राप्त होता है। इसी तरह के पैटर्न अन्य जानवरों की प्रजातियों में पाए जा सकते हैं - आम तौर पर, मजबूत जानवरों को अधिक भोजन, बेहतर "घर", उच्च स्थिति, बेहतर साथी और दूसरों से अधिक सहयोग मिलता है। दुर्लभ संसाधनों को बांटने का यह प्रकृति का तरीका है।
इसी तरह, इंसानों के दिमाग में एक डोमिनान्स डिडेक्टर होता है। हम अपनी सामाजिक/आर्थिक स्थिति को कैसे देखते हैं, यह हमारी स्टेटस को प्रभावित करता है जो सकारात्मक प्रतिक्रिया में हमारी स्थिति की पुष्टी करता है।
• मजबूत आत्म-सम्मान (self esteem) वाले लोग सुरक्षा और आत्मविश्वास की भावना को महसूस करते हैं करते हैं, जो उन्हें अधिक आकर्षक और सम्मानित बनाता है। इससे उनकी प्रोडक्टिविटी और कल्याण में सुधार होता है, जो उनकी सेल्फ परसेप्शन को और मजबूत करता है।
• दूसरी ओर,कम सेल्फ परसेप्शन (कम आत्म-धारणा) वाले लोग असुरक्षित महसूस करते हैं। उनके तनावग्रस्त, Jumpy और रिएक्टिव होने की अधिक संभावना होती है। वे खराब निर्णय लेते हैं, सम्मान/संसाधनों को नियंत्रित करने में विफल होते है।
संक्षेप में, हमारी आत्म-धारणा उन वाइब्स को प्रभावित करती है जो हम एक आत्म-सुदृढ़ लूप बनाने के लिए संचारित करते हैं। यदि आप किसी भी कारण से हारे हुए की तरह महसूस करते हैं, तो पहला कदम अपनी बॉडी पोस्चर को सही करके नकारात्मक चक्र को तोड़ना है।
• झुकें नहीं। यह हार और एक निम्न स्थिति का संदेश देता है, जो दूसरों को आपके साथ खराब व्यवहार करने और आपकी लौ सेल्फ परसेप्शन को बढाने के लिए प्रेरित करता है।
• अपना पोस्चर फिक्स करें। सीधे खड़े हो जाएं, अपने कंधों को पीछे धकेलें, सही से बोले और ऑय कांटेक्ट बनाएं। यह अपने और दूसरों के लिए आत्मविश्वास का संकेत देता है। आप बेहतर महसूस करेंगे, दूसरे आपको अधिक सम्मान देंगे।
Rule 2. अपना ख्याल रखें, जिस तरह आप किसी और की देखभाल करते हैं
(Take Care Of Yourself, The Way You Would Take Care of Someone Else)
Rule 3. ऐसे लोगों को दोस्त बनाये जो आपके लिए अच्छा चाहते हो (Surround yourself with people who want the best for you)
12 rules for life summary in hindi , 12 rules for life summary pdf in hindi, 12 rules for life book summary pdf in hindi
4 .अपनी तुलना अपने पिछले कल से करें न कि दूसरें से जो आज है (Compare yourself to whom you were yesterday, not to who someone else is today)
सोशल मीडिया के होने से सब कुछ दिखता है कुछ भी छिपता नहीं है जब आप सोशल मीडिया पर इस्तेमाल करते है तो आप अपने दोस्तों के पोस्ट देखते हैं उनमें से कुछ दोस्त यूरोप में वेकेशन मना रहे हैं, तो कुछ को प्रमोशन मिला है, कुछ को लाइफ पार्टनर मिल गया है और उनकी शादी हो गई है। किसी को अपने फील्ड में अवार्ड मिला है और कुछ ने नहीं अपनी मास्टर डिग्री कम्पलीट कर लिया है।
और आप अपने आपको उनसे कम्पेयर करने लगते हैं की कहा वह लाइफ मजे कर रहे हैं और आप जो अपने अस्त-व्यस्त और गंदे अपार्टमेंट में अपनी घर अकेले बैठे हुए हैं आप बहुत इनसिक्योर और जलन फील करने लग जाते हैं।
ऑथर का कहना है कि बहुत आसान है अपने को सक्सेसफुल लोगे से कंपेयर करना और अपने आप को नकारा और यूजलेस समझना। आप भले ही किसी स्किल के महारथी क्यों न हो आपको कोई ना कोई ऐसा आदमी जरूर मिल जाएगा जो आप से बेहतर है। अगर आप एक म्यूजिशियन है तो आपको खुद को द ग्रेट मोजार्ट से तुलना न करें। अगर आप एक शेफ है तो खुद को मास्टर शेफ गॉर्डन रामसे से कंपेयर मत कीजिए।
आपके पास अपने यूनिक स्किल है। "आप उनसे अलग है उन से कम नहीं"। आप खुद में एक कमाल के इंसान हैं आप जैसा है खुद को वैसे ही एक्सेप्ट करें आपके पास जो स्किल है उसे इंप्रूव करें। आपको आप जो कल थे उस से बेहतर बनने की कोशिश करें अपने से सक्सेसफुल लोगों से तुलना करके अपने आप को दुखी ना करें।
Rule 5. अपने बच्चों को ऐसा कुछ न करने दें, जिससे आप उन्हें नापसंद करने लगें
(Do not let your children do anything that makes you dislike them)
एक बार ऑथर ने एक एयरपोर्ट पर देखा कि एक 3 साल का बच्चा अपने पेरेंट्स के पीछे पीछे रोते हुए जा रहा था। उसके पेरेंट्स उसे अनदेखा कर रहे थे और वह बहुत शर्मद शर्मिंदगी महसूस कर रहे थे ,वे बस आगे चलते जा रहे थे और बच्चे उनके पीछे पीछे होते जा रहा था। वह सिर्फ उनका ध्यान अपनी ओर खींचना चाहता था हो सकता है उसे कुछ चाहिए था लेकिन क्योंकि उसके पेरेंट्स उस पर ध्यान नहीं दे रहे थे। इसलिए और जोर से रो रहा था। आसपास के सारे लोग देख रहे थे।
अगर उसके पेरेंट्स एक बार रुक कर उसकी पूरी बात सुन लेते , उससे बात करते तो प्रॉब्लम वहीं पर सॉल्व हो जाती और बच्चा रोना बंद कर देता।
अगर आप एक पैरंट है तो आपने ऐसा जरूर एक्सपीरियंस किया होगा। क्योंकि बच्चे शैतानी करेंगे क्योंकि वो नासमझ है। बच्चे को कैसे और क्या सिखाना यह आपकी जिम्मेदारी है। आप अपने बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं यह डिसाइड करेगा कि दूसरे उसे कैसे ट्रीट करेंगे। अगर आप उसे मारेंगे पीटेंगे और हमेशा डाटते रहेंगे तो दूसरे से उससे अच्छा व्यवहार करने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। शांत और जिम्मेदार पेरेंट्स एक डिसिप्लिन बच्चों को बड़ा करते हैं।
रिसर्च से यह बात सामने आई है कि अपने बच्चों को नई चीजें सीखने और जानने के लिए खुला छूट देना चाहिए लेकिन एक क्लियर लिमिट सेट करें। अगर कुछ गलत करता है तो उसे रोके और समझाएं क्या सही है और क्या गलत है। उनकी गलतियों को नजरअंदाज ना करें नहीं तो आपका बच्चा और भी बिगड़ता चला जाएगा और वह कभी सही और गलत फर्क नहीं समझ पाएगा।
अपने बच्चों के साथ समय बिताएं। उसे समय पर अपना पूरा ध्यान बस उस पर रखें। उसे इस बात का एहसास कराऐ कि आप उससे प्यार करते हैं और आपके लिए कितने इम्पोर्टेन्ट है। इससे आपके बच्चे का साथ है गहरा रिश्ता और कनेक्शन बनेगा। और वो उस बच्चे को गलत करने से रोक सकता है। उन्हें मारने डांटने या सजा देने से आप यह कभी हासिल नहीं कर पाएंगे।
अपने बच्चे के बात ध्यान से सुने। आप जितना शांत और जिम्मेदार होंगे आपका बच्चा भी उतना ही हैप्पी और disciplined बनेगा। टीचर और क्लास के बच्चे उन्हें पसंद करेंगे। बच्चे का ऑल राउंड डेवलपमेंट होगा।
Rule 6. दुनिया की आलोचना करने से पहले अपने आप को देखें (Set your house in perfect order before you criticize the world)
Rule 7. वह हासिल करने की कोशिश करें, जो अर्थपूर्ण हो, न कि वह जो सुविधाजनक हो (Pursue what is meaningful, not what is expedient)
Rule 8 . सच बोलें - या, कम से कम, झूठ ना बोलें (Tell the truth- or, atleast, don't lie)
Rule 9. यह मानकर चलें कि आप जिस व्यक्ति से बातचीत कर रहे हैं शायद वह कुछ ऐसा जनता हो, जो आपको न पता हो
Rule 10. सटीक और स्पष्ट शब्दों का उपयोग करें (Be precise in your speech)
Rule 11.जब बच्चे स्केटबोर्डिंग कर रहे हों तो उन्हें परेशान न करें
जॉर्डन पीटरसन यूनिवर्सिटी की एक बिल्डिंग में बच्चों को स्केटबोर्डिंग करते हुए देखते थे। वहां काफी खुली जगह थी। सीढ़ियों की रेलिंग पर बच्चे अलग अलग करतब किया करते थे। सड़क के दूसरी तरफ एक प्लेग्राउंड था जहां बच्चों के जाने पर लोकल गवर्नमेंट ने रोक लगा दी थी। उस जगह को चारों ओर से बंद कर दिया गया था। बड़ों का कहना था कि स्केटबोर्डिंग बच्चों के लिए काफी खतरनाक होती है।
लेकिन पीटरसन इससे सहमत नहीं थे उनका था कि प्रैक्टिस करने से बच्चे किसी चीज में मास्टर बन सकते हैं उन्हें प्रैक्टिस करने से रोकना नहीं चाहिए और इसमें कोई दो राय नहीं है कि स्केटिंग करते वक्त वह कई बार गिरते हैं और उन्हें काफी चोट आती है लेकिन बच्चे हमेशा उठकर दोबारा कोशिश करते थे अगर उनके खेलने पर ही रोक लगा दी गई वो कभी नहीं सीख पाएंगे।
बहुत सरे माता पिता अपने बच्चों के प्रति ज़रुरत से ज़्यादा प्रोटेक्टिव होते हैं। वो अपने बच्चों पर कई चीज़ों की पाबंदी लगा देते हैं और वो हमेशा बीच में आकर बच्चे की प्रॉब्लम को सोल्व कर देते हैं। इसका रिजल्ट ये निकलता है कि बच्चा डरपोक और अंदर से कमजोर हो जाता है। वो अपने पेरेंट्स की मदद पर आश्रित हो जाता है और वो वो ख़ुद कोई डिसिशन नहीं ले पाता।
ऐसा अपने बच्चे के साथ ना होने दें। अगर आपके बच्चे का अपने फ्रेंड के साथ झगड़ा हो जाता है तो उसकी बात ध्यान से सुनें लेकिन उन दोनों के बीच आप इंटरफेयर नहीं करें और ना ही आप उसकी प्रॉब्लम को हैंडल करें, ये काम उसे खुद करने दें। इससे आपके आपके बच्चे को ख़ुद ये पता चलता है कि उसे क्या करना चाहिए। इससे उसमें कॉन्फिडेंस ड़ेवलप होने लगेगा और वो किसी पर आश्रित होने की बजाय प्रॉब्लम को हैंडल करना सीख जायेगा।
12 rules of life by Jordan Peterson book summary in Hindi

0 टिप्पणियाँ