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The Psychology of Trading: How to Build Trading Psychology and Mindset in Hindi

Mastering Trading Psychology: Tips and Techniques for Success


The Psychology of Trading: How to Develop a Winning Mindset

Trading Psychology को समझना बहुत ज़रूरी है क्यूंकि यह आपकी Trading Performance पर बहुत गहरा प्रभाव डालता हैं।  यदि आप अपनी ट्रेडिंग साइकोलॉजी सही तरीके से समझ लेंगे तो आप अपनी ट्रेडिंग को एक नए लेवल पर ले जा सकते हैं।

 ट्रेडिंग साइकोलॉजी से अक्सर लोग डरते हैं क्यूंकि यह बहुत गहरा और काम्प्लेक्स सब्जेक्ट है। लेकिन इस पोस्ट में हम आपको ट्रेडिंग साइकोलॉजी को बहुत ही सिंपल तरीके से समझने की कोशिश करेंगे। 

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सबसे पहले Trading Psychology क्या है? ट्रेडिंग साइकोलॉजी का मतलब है की कैसे आप ट्रेडिंग करते वक़्त अपने मन को कण्ट्रोल करते हैं। ट्रेडिंग एक बहुत ही स्ट्रेस्फुल एक्टिविटी है और जब तक आप अपने मन को कण्ट्रोल नहीं करेंगे तब तक आप अपनी ट्रेडिंग में सफलता नहीं पा सकते। 

कुछ ट्रेडर्स अपनी ट्रेडिंग साइकोलॉजी को कण्ट्रोल करने में सफल हो जाते हैं जबकि कुछ ट्रेडर्स इसमें कामयाब नहीं होते।  लेकिन ट्रेडिंग साइकोलॉजी को कण्ट्रोल करने के कुछ टिप्स हैं जिन्हे आप अपनी ट्रेडिंग साइकोलॉजी को इम्प्रूव करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। 

  1.  Learn to control Emotions अपनी इमोशंस को कण्ट्रोल करें: 

ट्रेडिंग करने में इमोशंस का बहुत बड़ा रोले होता है। लेकिन इमोशंस को कण्ट्रोल करके आप अपनी ट्रेडिंग परफॉरमेंस को इम्प्रूव कर सकते हैं।  जब आप ट्रेडिंग करते हैं तो आप अपने इमोशंस को कण्ट्रोल करने के लिए एक ट्रेडिंग प्लान बनाएं और उस प्लान को स्ट्रिक्टली फॉलो करें।

     2. Maintain Trading Journal एक ट्रेडिंग जर्नल मेन्टेन करें: 

एक ट्रेडिंग जर्नल मेन्टेन करना बहुत ही ज़रूरी है क्यूंकि इससे आप अपनी ट्रेडिंग के मिस्टेक्स और सुक्सेसेस को ट्रैक कर सकते है।  जब आप अपनी ट्रेडिंग जर्नल में अपनी ट्रेड्स और उनके Reasons को नोट करते हैं, तो आप अपनी ट्रेडिंग के मिस्टेक्स को Identify कर सकते हैं और उनसे सीख सकते हैं। इस पर हम आगे डिटेल में जानेगें। 

   3 . Increase Your Trading Knowledge अपनी ट्रेडिंग नॉलेज को इनक्रीस करें: 

ट्रेडिंग में सफलता पाने के लिए आपको ट्रेडिंग की नॉलेज को इनक्रीस करना बहुत ज़रूरी है। आपको पता होना चाहिए की मार्किट कैसे काम करता है और मार्किट में किस तरह के फैक्टर्स का प्रभाव होता है।  

इसके अलावा आपको टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में भी नॉलेज होनी चाहिए। इन सब टिप्स को फॉलो करके आप अपनी ट्रेडिंग साइकोलॉजी को इम्प्रूव कर सकते हैं.

4. Set Your Trading Goals अपने ट्रेडिंग गोल्स को सेट करें:

 जब आप ट्रेडिंग करते हैं तो आपके पास एक गोल होना चाहिए।  आपको पता होना चाहिए की आप किस तरह के प्रॉफ़िट्स और लॉसेस को हैंडल करना चाहते हैं। अगर आप अपने ट्रेडिंग गोल्स को सेट करेंगे तो आप अपनी ट्रेडिंग को एक नए लेवल पर ले जा सकते हैं।

 5  Risk Management 

एक और Important Aspect  Trading Psychology में है, वो है Risk Management । ट्रेडिंग के दौरान रिस्क मैनेजमेंट बहुत ही इम्पोर्टेन्ट होता है क्यूंकि मार्किट में कोई भी Unexpected Event हो सकता है। आप अपनी ट्रेडिंग परफॉरमेंस को इम्प्रूव करने के लिए अपनी ट्रेड्स को Proper Manage करना सीखना चाहिए।

6. Risk Reward Ratio 

Risk Management के लिए आपको अपनी Trades के लिए एक Risk Reward Ratio Decide करना होगा।  Risk Reward Ratio एक फार्मूला है जिसमे आप अपने ट्रेड के रिस्क और रिवॉर्ड को कैलकुलेट करते हैं। 

आपको पता होना चाहिए की आप अपने हर ट्रेड में कितना रिस्क ले सकते हैं और कितना रिवॉर्ड एक्सपेक्ट कर सकते हैं। 

7. Stop Loss And Target

Risk Reward Ratio के अलावा आपको स्टॉप लोस्स और टेक प्रॉफिट लेवल्स को भी Decide करना होगा। स्टॉप लोस्स और टेक प्रॉफिट लेवल्स आपके ट्रेड्स को मैनेज करने में बहुत ही मदद करते हैं। 

 स्टॉप लोस्स आपके Trade को एक Predetermined Level  पे बंद कर देता है जिससे आपके लोस्स लिमिट के अंदर रहने में मदद मिलती है। Target  Level  आपको एक Predetermined Level तक प्रॉफिट बुक करने में मदद करते हैं। 

ट्रेडिंग साइकोलॉजी में डिसिप्लिन बहुत ही इम्पोर्टेन्ट है। आपको अपनी ट्रेडिंग प्लान को फॉलो करना होगा, जिससे आप अपने ट्रेड्स को मैनेज कर सकें।  डिसिप्लिन से ट्रेडिंग करने से आपको पता चलेगा की किस तरह के ट्रेड्स प्रॉफिटेबल होते हैं और किस तरह के ट्रेड्स लोस्स में चले जाते हैं। 

8. Learn to keep Patient 

एक और Important Tip Trading Psychology में हैं, वो है पेशेंस।Trading  में पेशेंस बहुत ही इम्पोर्टेन्ट होता है।  मार्किट में इंस्टेंट प्रॉफ़िट्स के लिए कोई मैजिक फार्मूला नहीं होता है। आपको सबर से काम लेना होगा और अपनी ट्रेड्स को Patiently manage  करना होगा। 

इन सब टिप्स को फॉलो करके आप अपनी ट्रेडिंग साइकोलॉजी को इम्प्रूव कर सकते हैं।  ट्रेडिंग साइकोलॉजी बहुत ही इम्पोर्टेन्ट है क्यूंकि आपके मन की स्थिति ही Decide करेगी की आप किस तरह के ट्रेड्स करते हैं 

और कैसे अपने ट्रेड्स को मैनेज करते हैं।  ट्रेडिंग साइकोलॉजी को कण्ट्रोल करना सीखना एक ऑनगोइंग प्रोसेस है जिसमें आपको अपने मिस्टेक्स से सीखना होगा और हर ट्रेड में इम्प्रूव करना होगा। 

ट्रेडिंग साइकोलॉजी के अलावा आपको अपने Technical Skills को भी इम्प्रूव करना होगा। टेक्निकल स्किल्स जैसे की चार्ट रीडिंग, टेक्निकल एनालिसिस और इंडीकेटर्स के यूज़ करने में बहुत Help करते हैं।  आपको पता होना चाहिए की किस तरह के टेक्निकल टूल्स आपके ट्रेडिंग स्टाइल के साथ मैच करते हैं और आपको कौन से टूल्स को यूज़ करना चाहिए। 

एक और  Important Aspect Trading Psychology में हैं , वो है Trading Journal Maintain करना।  ट्रेडिंग जर्नल आपके ट्रेड्स की परफॉरमेंस को ट्रैक करने में मदद करता है और आपको अपने मिस्टेक्स से सीखने में भी हेल्प करता है। 

Mastering Trading Psychology: Tips and Techniques for Success


Trading Journal कैसा  चाहिए 

एक अच्छा ट्रेडिंग जर्नल आपको अपनी ट्रेडिंग परफॉरमेंस को ट्रैक करने में हेल्प करता है और आपकी ट्रेडिंग strategy को इम्प्रूव करने में मदद करता है। ट्रेडिंग जर्नल में आप अपनी ट्रेड्स के details को मेन्टेन कर सकते है 

जैसे की एंट्री और एग्जिट price, position size, स्टॉप loss, target price, और ट्रेड duration. इसके अलावा आप अपने emotions, ट्रेडिंग decisions, और मार्किट sentiment को भी नोट कर सकते है। 

कुछ  Important elements जो एक अच्छे  ट्रेडिंग जर्नल में होते है वो है :

Trade details: Trade एंट्री और एग्जिट price, position size, स्टॉप loss, target price, और ट्रेड duration.

Trading strategy: अपनी ट्रेडिंग strategy को explain करना जैसे की आपने किस indicator का use किया है या फिर  किस Chart pattern को फॉलो किया है। 

Market sentiment: market की overall sentiment और आपकी ट्रेड के impact को नोट करना जैसे की किस time frame में आपने ट्रेड किया है और क्या overall मार्किट sentiment tha उस time पे। 

Trading decisions: अपनी  ट्रेडिंग decisions को explain करना जैसे की किस reason से आपने ट्रेड किया है क्या आपने किसी news की information का Use किया है क्या आपने किसी trend या pattern को फॉलो किया है। 

Emotions: अपनी ट्रेडिंग के इमोशंस और साइकोलॉजी को नोट करना जैसे की आपने किस reason से ट्रेड किया है क्या आपने greed, fear या excitement के कारन ट्रेड किया है। 

एक अच्छा ट्रेडिंग जर्नल आपकी ट्रेडिंग परफॉरमेंस को ट्रैक करने में हेल्प करता है और आपको अपनी ट्रेडिंग strategy और परफॉरमेंस को इम्प्रूव करने में मदद करता हैं। 

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ट्रेडिंग साइकोलॉजी को इम्प्रूव करने के लिए आप अपने पीअर्स और मेंटर्स से भी कंसल्ट कर सकते हैं। ट्रेडिंग कम्युनिटीज और ऑनलाइन फ़ोरम्स आपको ऐसे ट्रेडर्स से कनेक्ट करा सकते हैं 

जिन्होंने भी ट्रेडिंग साइकोलॉजी और रिलेटेड टॉपिक्स को मास्टर किया है।  आपको ट्रेडिंग के रिलेटेड किसी भी टॉपिक पे Confusion हो तो आप अपने मेंटर्स या ट्रेडिंग कम्युनिटी से हेल्प ले सकते हैं। 

ट्रेडिंग साइकोलॉजी को इम्प्रूव करने के लिए आपको अपनी Mindset को भी चेंज करना होगा।  आपको अपने गोल्स को क्लियर करने होंगे और एक पॉजिटिव मिंडसेट को अडॉप्ट करना होगा। 

 ट्रेडिंग में आपके Mindset का बहुत बड़ा रोले होता है. Mindset Mindset डिसिप्लिन और पेशेंस ये सभी Qualities आपको सक्सेसफुल ट्रेडर बनाने में हेल्प करेंगे। 

इन सब टिप्स और टेक्निक्स को अपनाने से आप अपनी ट्रेडिंग साइकोलॉजी को इम्प्रूव कर सकते हैं।  ट्रेडिंग साइकोलॉजी एक ऑनगोइंग प्रोसेस है जिसमें आपको अपनी स्किल्स और Mindset को कन्टिन्यूसली इम्प्रूव करना होगा।  

आपके मन की स्थिति ही Decide करेगी की आप किस तरह के ट्रेड्स करते हैं और अपने ट्रेड्स को कैसे मैनेज करते हैं. ट्रेडिंग साइकोलॉजी को मास्टर करना बहुत ही इम्पोर्टेन्ट है अगर आप एक सक्सेसफुल ट्रेडर बनना चाहते हैं। 

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