Header Ads Widget

Ticker

6/recent/ticker-posts

Financial Literacy in India: Why It Needs To Be Included In Our Education System?

Financial Literacy in India: Why It Needs To Be Included In Our Education System
goinhindi.com

Financial Literacy in India: Why It Needs To Be Included In Our Education System?

हेलो दोस्तों

आज हम Financial Education के बारे में बात करने वाले हैं। Financial Education या Financial Literacy एक ऐसी Skill है जिसके बारे में कोई बात नहीं करता है और ये स्किल आप स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी में नहीं सीख सकते हैं और ना ही अपने पैरेंट से सिख सकतें हैं। क्योंकि कोई भी इसके बारे में बात नहीं करता है। बहुत से लोग Educated होते हुए भी Financial Educate (Literate) नहीं है भले ही आप एक डॉक्टर, लॉयर या इंजीनियर है। यह Academic और Professional  Education से बिल्कुल अलग है। 

मैंने बहुत से Educated People को देखा है चाहे वह Doctor या Engineer हो, बहुतो को Financial Education की कमी है। Educated लोग भी Financial Literate नहीं है क्योंकि हमारा Education System कबाड़ है। बड़े आश्चर्य की बात है दुनिया पैसे से ही चलती लेकिन इसके बारे कोई बात नहीं करता हैं।  

 अगर हम 19वीं सदी में जी रहे होते तो इस पर बात नहीं करते लेकिन यह 21वी सेंचुरी है और आज के समय में किसी भी देश का इकोनामिक ग्रोथ बहुत इंपोर्टेंट है। फाइनेंसियल एजुकेशन का होना बहुत से देशों की Priority बन गई है। अपना देश भारत पूरी दुनिया का लगभग 17% आबादी का घर है जहां Literacy Rate (साक्षरता दर) की बात की जाए तो वह 74% है। और ये बड़े आश्चर्य की बात है 140 करोड़ लोगो में से सिर्फ 24 % Indian Financial Literate (आर्थिक रूप से साक्षर) है। 

76 % इंडियन एडल्ट पॉपुलेशन फाइनेंस की बेसिक Component को नहीं समझते हैं इससे भी बुरी बात है 80 % से ज्यादा भारतीय महिलाएं Financial Education को नहीं जानती है।

(Tags financial education in hindi, financial literacy, financial literacy in hindi, financial literacy in india, financial literacy)

What is Financial Literacy ?

Financial literacy is the ability to understand and effectively use various financial skills, including personal financial management, budgeting, and investing. Financial literacy is the foundation of your relationship with money, and it is a lifelong journey of learning.

 Financial Literacy Rate in India भारत में आर्थिक साक्षरता दर  

क्या आप जानते हैं गुजराती लोग बिजनेस में और पैसा कमाने में इतना आगे क्यों है क्योंकि गुजरात का Financial Literacy Rate 83% है जो कि बहुत ज्यादा है। हालांकि General Literacy Rate सिर्फ 68% है। फिर यहां के लोग फाइनेंस में अच्छे हैं क्योंकि फाइनेंसियल एजुकेशन जनरल एजुकेशन से अलग है। 
इंडिया में ' वित्तीय साक्षरता की परिभाषा ' और इकनोमिक एंड पॉलीटिकल वीकली में प्रकाशित एक आर्टिकल के अनुसार भारत के राज्यों में  Financial Literacy का बहुत डिफरेंस है। मेट्रोपॉलिटन सिटीज जैसे महाराष्ट्र दिल्ली और कोलकाता में  Financial Literacy Rate क्रमशः 17%, 32% और 21% है जबकि बिहार, राजस्थान, झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में गरीबी व्याप्त है क्रमशः 8 %,  20%, 15 % और  10 % कम Financial Literacy Rate से पीड़ित है।

एक राज्य के रूप में गोवा और गुजरात का Financial Literacy Rate बहुत अच्छा है जबकि चंडीगढ़ और छत्तीसगढ़ के वित्तीय साक्षरता यानि Financial Literacy बहुत कम 4 % है।

financial literacy rate in india report 2015

आर्थिक साक्षरता  का महत्व  Importance of Financial Education

 Rich Dad Poor Dad book के Author Robert Kiyosaki का कहना है कि Academic Education के साथ-साथ Financial Education का होना भी बहुत जरूरी है। दोनों इंपॉर्टेंट है पर स्कूल में इसे छोड़ दिया जाता है। Money के बारे में लोगों को बात करना चाहिए। पेरेंट्स को अपने बच्चे को मनी कैसे मैनेज करना है, सिखाना चाहिए। 
कर्ज को कैसे मैनेज करना है - जैसे कैसे Save करना है , Invest  करना आदि सीखना बहुत जरूरी है। 
 The Psychology of Money Book बुक के ऑथर Morgan Housel का कहना है कि 'अमीर बने रहना ज्यादा मुश्किल है अमीर बनने से ' अगर आप मनी मैनेजमेंट नहीं जानते हैं तो।

 Example के लिए आप सुशील कुमार को जानते होंगे जिन्होंने KBC में 5 करोड़ रुपये जीता था।  लेकिन आपको पता है वह आज भी वैसे ही जॉब कर रहे है जैसे पहले करते थे। उन्होंने अपने पैसों को सही से मैनेज नहीं किया। उन्होंने कोई रेंटल कार का बिजनेस शुरू किया और यह बिजनेस फेल हो गया फिर उन्होंने फिल्म डायरेक्शन शुरू किया और बहुत सारा पैसा लगाया पर यहां भी उनको सक्सेस नहीं मिली उसके बाद उन्होंने शराब पीना शुरू कर दिया और सारे पैसे खर्च कर दिया। 

उन्होंने अपने पैसों को सही से मैनेज नहीं किया। कुछ पैसे सेव करके इन्वेस्ट किया होता तो आज उनका यह हालत नहीं होता।  जबकि वह एक एजुकेटेड टीचर है लेकिन लेकिन वे Financial Educate नहीं थे।

कोविड-19 ने दुनिया के करोड़ों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है बहुत से लोगों का जॉब लॉस हो गया और वह लोग आर्थिक रूप से बर्बाद हो गए। कोरोनावायरस ने हमें बहुत सी सीख दिया है इन्हीं में से एक सिख है आर्थिक रूप से तैयार रहने की, मतलब फाइनेंशली एजुकेशन की।

How to Manage Money
 मनी मैनेजमेंट को समझने के लिए आपको Basic Money Skill में  महारत हासिल करने की जरूरत होगी। पता नहीं क्यों बहुत से लोग यह मानते हैं कि वह पैसा खर्च करते हैं तो मतलब वे पैसे को मैनेज करना जानते हैं जबकि ऐसा नहीं है पैसे को मैनेज करना एक स्किल है और यह  जानना बहुत जरूरी है चलिए से समझते हैं -

Assets और Liability को समझना  

 Rich Dad Poor Dad के ऑथर का कहना है कहना है इतने सारे लोग Financial रुप से Struggle कर रहे हैं इसका कारण यही है कि लोग Asset और Liability  के बीच अंतर को नहीं समझते हैं। 

Asset - एक Asset वह चीज है जो आपके जेब में पैसा डालता हैं जबकि 
Liability - वह है जो आपके जेब से पैसा निकालता है। 
 ये concept बिल्कुल सिंपल दिख रहा है ना लेकिन फिर भी ज्यादातर लोग इसे गलत समझते हैं। लोग घर, Costly Phone और गाड़ी खरीदते हैं और समझते है Asset खरीद रहे हैं जबकि ऐसा नहीं है।

 गाड़ी चलाने के लिए आपको फ्यूल, इंसुरेंस , मेंटेनेंस और ड्राइवर का खर्च के लिए अपने पॉकेट से पैसा लगाना पड़ेगा, इस केस में ये एक लायबिलिटी है। हालांकि जब आप इसे रेंट पर दे देते हैं और इसमें जितना पैसा लगता है उससे अधिक पैसा कमा लेते हैं तो यह तो यह एक Asset में बदल जाएगा। ऐसा ही घर के साथ भी है। 

आपने बहुत लोगों को देखा होगा जो लोग दिखाओ में ज्यादा पैसे बर्बाद करते रहते हैं और यह कौन करता है सिर्फ मिडिल क्लास लोग इनकम से ज्यादा खर्च करते हैं और अपना लाइफस्टाइल ऐसे दिखाते हैं जैसे वह बहुत अमीर हो जबकि Reality कुछ और ही होता है। और हमेसा Financially Struggle करते हैं। 

50/30/20 रूल को समझना

Financial Literacy in Hindi: Why It Needs To Be Included In Our Education System?

 
50/30/20 Budgeting Rule एक पॉपुलर और इंपोर्टेंट रूल है जिसके इस्तेमाल से आप पैसे को कंट्रोल कर सकते हैं और पैसे की कमी को दूर कर सकते हैं। हर महीने जो खर्च होता है उसे तीन कैटेगरी में डिवाइड करते हैं Need, Wants / Desire और Saving।
Need -  वह जरूरत जिसके बिना हम रह नहीं सकते हैं -जैसे राशन का सामान, यूटिलिटी बिल, गैस बिल इत्यादि। 
Wants / Desire - वह जरूरत जो पूरा नहीं हो तो कोई दिकत नहीं हो। जैसे - कोई मोबाइल फ़ोन लेना हो कहि वेकेशन पर जाना हो मतलब अपना शौख पूरा करना।  
मान लीजिये आप 40 हजार हर महीने कमाते  है तो उसका 50 % यानि  ₹20000 अपने NEED पर खर्च होने चाहिए। 30 % यानी ₹12000 आपको अपने Wants या Desire खर्च करना चाहिए।
 और 20%  (8000) पैसा आपको हर महीने Save करना चाहिए। ऐसा करके आप बहुत सारा पैसा सेव कर सकते हैं।  इस पैसे को आप Assets में बदलकर पैसा कमा सकते हैं।

Power of Compounding को समझना  

8th और 9th क्लास के स्टूडेंट Simple Interest और Compound Interest के बारे में पढ़ लेते हैं लेकिन Compound Interest का रियल लाइफ में क्या इस्तेमाल है नहीं जानते है। अल्बर्ट आइंस्टाइन ने कहा था कंपाउंड इंटरेस्ट दुनिया का आठवां अजूबा है जो इसे समझता है वह अमीर बन सकता है जो इसे नहीं समझता है वह चुकाता है।

Albert Einstein on compounding
 
कंपाउंडिंग पावर को एग्जांपल से समझते हैं अगर कोई स्टूडेंट 15 वर्ष का है और वह हर महीने 1 हजार रूपये सेव करके इन्वेस्ट करता है अगले 25 वर्ष तक और उसे 15 परसेंट का कंपाउंडेड Annual Return (CAGR)  मिलता है तो जब वह 40 वर्ष का होगा तब उसके पास 27.60 Lakh होंगे। 
 और यदि वह 25 वर्ष तक ₹3000 महीने इन्वेस्ट करता तो उसे 83 Lakh रुपए मिलते। जहां पहले केस केस में सिर्फ 3 लाख (12000 x 25) निवेश करनी है वहीं दूसरे केस में 9 लाख निवेश करनी हैं।
  ये है पावर आफ कंपाउंडिंग ,आप बड़ी आसानी से आमिर बन सकते हैं लेकिन ध्यान रहे पावर आफ कंपाउंडिंग लंबे समय में ही काम करता है।
power of compounding

आपको क्यों बचत करनी चाहिए

To Achieve Goal 

अपने लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म गोल को अचीव करने के लिए बचत करना बहुत जरूरी होता है इसमें  लॉन्ग टर्म गोल जैसे- आप कोई मकान लेना चाहते हैं या कोई कार खरीदना है या  यह बच्चों की शिक्षा वगैरह शामिल है। अगर आप सेव करेंगे तो आपको आगे चलकर कोई परेशानी नहीं होगी।

Emergency Fund

 आपको इमरजेंसी से निबटने के लिए इमरजेंसी फंड की जरूरत पड़ सकती है। इसमें नौकरी चले जाना और मेडिकल खर्च शामिल है। एमरजेंसी के लिए आपको हमेसा तैयार रहना चाहिए। एमर्जेन्सी फण्ड आपके मंथली खर्चे का  6 गुना ज्यादा पैसा हमेशा होना चाहिए। अगर ऐसे नहीं है तो Emergency में आपको कर्ज लेना पड़ेगा और बाद में ज्यादा  कर्ज चुकाना होगा। जिस से आपका सारा बजट खराब हो जायेगा। 

Health Insurance और Term Insurance  

आज के दौर में हेल्थ इंश्योरेंस ना लेना भी एक बहुत बड़ी गलती है क्योंकि आप नहीं जानते हैं कब आपको मेडिकल इमरजेंसी की जरूरत पड़ सकती है। इसमें आपका सारा बचत आपकी सारी सेविंग 2 से 3 दिन में खत्म हो जाएगी। आप कर्ज में डूब जाएंगे तो इससे बचने के लिए आपको एक हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लेना चाहिए और ये इतना महंगा भी नहीं होता है 200 से ₹300 मंथ के प्लान में आपको 5 लाख  का हेल्थ इंश्योरेंस मिल जाता है। 

अगर अनफॉर्चूनेटली आपको कुछ होता है तो आप के बाद आपका परिवार का क्या होगा सोचकर ही डर लगता है ना इसलिए टर्म इन्शुरन्स  बहुत जरूरी है। अगर आप 25 साल के आसपास हैं तो आप का टर्म इंश्योरेंस हजार रुपे में एक करोड़ का टर्म इंश्योरेंस हो जाता है। आप जितना कम उम्र में टर्म इंश्योरेंस लेंगे उतना ही कम प्रेमियम लगेगा।  

 रिटायरमेंट प्लान  Retirement Plan 

यदि आप रिटायर होने जा रहे हैं तो आपको रोजमर्रा की जरूरत के लिए रेगुलर इनकम की आवश्यकता पड़ेगी। यदि आपने कोई रिटायरमेंट प्लान लिया है तो आपको कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।  यह तभी होगा जब आप सेविंग करके अच्छे जगह इन्वेस्ट कियें होंगे। जैसे- NPS में या कोई और रिटायरमेंट प्लान में।  बहुत सारे लोग अपने रिटायरमेंट को प्लान नहीं करते हैं वह बस पैसा कमाते हैं और खर्च करते जाते हैं फिर अंत में उनके हाथ में कुछ नहीं रहता है और सिवाय पछताने के। इसलिए रिटायरमेंट प्लान भी लेना बहुत जरूरी है।

ये रहा फाइनेंसियल एजुकेशन के बारे में कुछ इंपोर्टेंट बातें जो आपको समझनी चाहिए इसके बारे में आपका कोई सुझाव है तो कमेंट करके जरूर बताएं। 

यह भी पढ़ें 




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ